करिश्मा की बेटी की बात पर कोर्ट ने जताई नाराजगी

अदालत में कहा था- दो महीने से मेरी कॉलेज की फीस नहीं भरी गई

दिल्ली हाई कोर्ट में शुक्रवार को करिश्मा कपूर के बच्चों और प्रिया कपूर के बीच संजय कपूर की प्रापर्टी को लेकर चल रहे विवाद की सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान करिश्मा की बेटी समायरा ने कोर्ट को बताया कि उनकी यूनिवर्सिटी की फीस दो महीने से पेंडिंग है। यह फीस अमेरिका स्थित यूनिवर्सिटी की है जहां वह पढ़ रही हैं।
वहीं, इस आरोप को प्रिया कपूर ने गलत बताया। कोर्ट ने करिश्मा के बच्चों के इस बयान पर आपत्ति जताई और कहा कि ऐसी टिप्पणी दोबारा अदालत में नहीं होनी चाहिए।

बार एंड बेंच की रिपोर्ट के अनुसार, शुक्रवार को हाई कोर्ट ने करिश्मा के बच्चों द्वारा दायर इंटरिम इंजंक्शन पर भी सुनवाई की। इसमें उन्होंने प्रिया को संजय की संपत्ति बेचने से रोकने की मांग की है। बच्चों की ओर से सीनियर एडवोकेट महेश जेठमलानी ने कहा कि बच्चों की संपत्ति प्रिया के पास है, इसलिए समायरा की फीस का ध्यान रखना उनकी जिम्मेदारी थी।

महेश ने कहा, ह्लसमायरा अमेरिका में पढ़ रही है और उसको दो महीने की फीस नहीं मिली है।ह्व
जेठमलानी ने यह भी कहा कि विवाह कानून के अनुसार बच्चों की पढ़ाई और खर्च की जिम्मेदारी संजय कपूर की थी।

प्रिया के वकील ने सभी आरोप गलत बताए- वहीं, संजय की तीसरी पत्नी प्रिया की ओर से पेश हुए सीनियर एडवोकेट राजीव नायर ने आरोपों को गलत बताया। उन्होंने कहा कि बच्चों के नाम पर जमा सभी खर्च प्रिया की तरफ से क्लियर किए गए हैं। कोर्ट ने दोनों पक्षों को ऐसी बातों को अदालत में लाने से बचने को कहा। कोर्ट ने प्रिया के सीनियर एडवोकेट शायल त्रेहन से कहा कि ऐसे मामलों को आगे ध्यान से हैंडल किया जाए। मामले की सुनवाई के दौरान जज ज्योति सिंह ने कहा, “मैं इस पर 30 सेकेंड से ज्यादा समय नहीं देना चाहती। यह सवाल दोबारा मेरी कोर्ट में नहीं आना चाहिए। सुनवाई को ड्रामेटिक नहीं बनाना है। जिम्मेदारी आपकी है। यह मुद्दा आगे नहीं उठना चाहिए। दिल्ली हाई कोर्ट अब इस मामले की अगली सुनवाई 19 नवंबर को करेगा। संजय कपूर की मौत 12 जून 2025 को लंदन में दिल का दौरा पड़ने से हुई थी। उनकी मौत के बाद करिश्मा के बच्चों समायरा और कियान ने प्रिया के खिलाफ केस किया है। मामले में आरोप है कि प्रिया ने वसीयत में बदलाव किया है। बच्चों का कहना है कि संजय ने उन्हें अपनी संपत्ति में हिस्सा देने का वादा किया था, लेकिन यह बात अब वसीयत के कागजों में नहीं है। यह मामला अभी कोर्ट में चल रहा है।

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